हनुमानजी एक ऐसे देवता हैं जिनके गुण और महत्व को कई श्लोकों और पुराणों में वर्णित किया गया है। यहां हनुमानजी के कुछ अनुकरणीय गुणों का उल्लेख किया गया है:
- बलवान: हनुमानजी को अत्यधिक बल प्राप्त है। उनका शरीर बलशाली होता है और उनकी शक्ति अद्भुत है।
- तेजस्वी: हनुमानजी वीरता और उत्साह के प्रतीक हैं। उनका तेज अद्भुत होता है और उन्हें सभी परिस्थितियों में समर्थ बनाता है।
- धैर्यशील: हनुमानजी धैर्यशील होते हैं और उन्हें किसी भी कठिनाई का सामना करने की क्षमता होती है। उन्होंने सीता माता की खोज में भूल चुके हनुमान चालीसा का पाठ किया था।
- भक्तिमय: हनुमानजी श्रीराम के विश्वासपूर्ण भक्त हैं। उन्होंने अपनी पूरी जीवन को श्रीराम की सेवा में समर्पित किया था।
- ब्रह्मचारी: हनुमानजी ब्रह्मचारी रूप में जाने जाते हैं और उनका चारित्र पवित्रता और सामर्थ्य से परिपूर्ण होता है।
- मनोजवंत: हनुमानजी अत्यंत तेजी से चलने वाले होते हैं। उनकी चाल तेज होती है और वे अपनी शक्ति का उपयोग विचारशक्ति के साथ करते हैं।
- रामदूत: हनुमानजी को भगवान श्रीराम के दूत के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने अयोध्या तक जाकर श्रीराम का संदेश दिया था और लंका में सीता माता को खोजा था।
हनुमानजी के ये गुण और स्वरूप उन्हें मानव जीवन के आदर्श के रूप में बनाते हैं और उनकी उपासना से हमें उनकी गुणों को अपनाने और उनके प्रती समर्पण के मार्ग पर चलने का प्रेरणा मिलती है।